ज़ीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने, खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे।...
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्व़ाब आते हैं, मुझे सताने के सलीके… तो उन्हें बेहिसाब आते हैं…...
तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा।...
दुनिया को मेरी हकीकत का पता कुछ भी नहीं, इल्जाम हजारो हैं पर खता कुछ भी नहीं।...
एक सुकून की तलाश में, कितनी बेचैनियां पाल लीं और लोग कहते हैं, हम बड़े हो गए और ज़िन्दगी संभाल ली...
फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह, देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया।...
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए, तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।...
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में, कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।...
कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का, ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।...
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए, तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।...
हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम, होने लगे हो कुछ-कुछ बेवफा से तुम।...
हमारी हैसियत का अंदाज़ा तुम ये जान के लगा लो, हम कभी उनके नहीं होते जो हर किसी के हो गए।...
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है, दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है, तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम, मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।...
जिंदगी के लिये जान ज़रूरी है, जीने के लिये अरमान ज़रूरी है, हमारे पास हो चाहे कितना भी गम, लेकिन तेरे चहरे पर मुस्कान ज़रूरी है।...
इश्क करो तो मुस्कुरा कर, किसी को धोखा न दो अपना बना कर, करलो याद जब तक जिन्दा हैं, फिर न कहना चले गये दिल में यादे बसा कर।...