तो बस एक मामूली सा सवाल हूँ साहिब और लोग कहते हैं.. तेरा कोई जवाब नहीं। 💞💖...
पल भर बात करते है , फिर महीनो की दुरी बनाते है , ये किसी मोहब्बत है , जो वो तन्खवा की तरह निभाते है !...
जीने की खवाहिश में हर रोज़ मरते है , वो आये न आये हम इंतज़ार करते है , झूठा ही सही मेरे यार का वादा , हम सच मान कर एतबार करते है...
कभी हम पर वो जान दिया करते थे , जो हम कहते थे वो मान लिया करते थे , आज पास से अनजान बनकर गुजर गए , जो दूर से हमें पहचान लिया करते थे...
उसे भूल कर जिया तो क्या जिया , दम है तो उसे पाकर दिखा, लिख पत्थरो पर अपनी प्रेम कहानी , और सागर को बोल इसे मिटा कर दिखा...
कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा, खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा, इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे , की इज़हार वो मुझसे सर- ए- बाज़ार करेगा...